रुक्मिणी कटारा, एक ऐसा नाम जिसने डूंगरपुर को चर्चा में ला दिया। यूं कह सकते हैं कि इस बेटी ने डूंगरपुर का नाम हमेशा के लिए रोशन कर दिया। रुक्मिणी कटारा उन सब महिलाओं के लिए आज मिसाल बन गई जो संघर्ष करके आगे बढ़ने का सपना देखती हैं। आपको बताते हैं कि क्यों रुक्मिणी कटारा चर्चा में है, क्यों प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी तारीफ की? दरअसल, 9वीं पास रुक्मिणी कटारा को एक कंपनी का सीईओ बना दिया गया है। ये एक सोलर कंपनी है। अपनी मेहनत और काबिलियत के बलबूते पर वह इस मुकाम तक पहुंची हैं। रुक्मिणी ने बता दिया कि अगर आप कोई सपना देखते हैं तो उसके लिए मेहनत करनी पड़ती है और मेहनत के बल पर आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। डूंगरपुर जिले के माड़वा खापरड़ा गांव की रहने वाली रुक्मिणी कटारा के पास फिलहाल 50 महिलाएं काम करती हैं, जो सोलर बल्ब, प्लेट, हीटर तथा इसके अन्य उपकरण बनाने का काम करती हैं।
रुक्मिणी कटारा ने बताती हैं कि वह पहले मनरेगा में काम करती थी। उसके बाद में एक बार मुझे राजीविका के बारे में पता चला। इस तरह मैं एक सहायता समूह से जुड़ गई और सोलर लैंप बनाना और प्लेट बनाने का काम सीख लिया। धीरे-धीरे सोलर प्लेट को इंस्टॉल करना भी सीख लिया। इस तरह इसमें कड़ी मेहनत करके मैंने इसमें महारत हासिल कर ली। अब वक्त आ गया था आगे बढ़ने का। इसलिए दुर्गा सोलर नाम की एक कंपनी से जुड़ गई और वहां पर मैंने सुपरवाइजर का काम करना शुरू कर दिया। यह मैंने दिल से काम किया और परिणाम भी अच्छे आने लगे। कंपनी ने मेरा काम और काबिलियत को परखा। उसमें मैं पूरी तरह से खरा उतरी। इसके बाद कंपनी ने रुक्मिणी कटारा को सीईओ बना दिया। पिछले पांच वर्ष में इनके सीईओ बनने के बाद में कंपनी का टर्नओवर 3.5 करोड़ रुपए से अधिक का हो गया।
रुक्मिणी देवी बताती है कि 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे तथा अन्य महिलाओं को सम्मानित किया। रुक्मिणी देवी कहती है कि किसी भी महिला को अपने को कम नहीं आंकना चाहिए। यह नहीं समझना चाहिए कि वह कम पढ़ी लिखी है तो कुछ नहीं कर सकती। एक महिला सब कुछ कर सकती हैं। रुक्मिणी देवी के तीन बेटे और एक बेटी है। रुक्मिणी आदिवासी महिला है तथा आदिवासी इलाके से ही आती है। वे अब वहां की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई हैं।
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