इसरो की रगों में सम्मान! भारत ने वो कर दिखाया जो दुनिया में कोई नहीं कर पाया; आदित्य एल1 सूर्य की कक्षा में प्रवेश कर गया
1 min readआदित्य एल1 मिशन नवीनतम: चंद्रयान-2 मिशन की सफलता के बाद भारत ने एक और इतिहास रच दिया है। आदित्य एल1 सूर्य की कक्षा में पहुंच गया है।
आदित्य एल1 मिशन ब्रेकिंग: चंद्रयान-2 मिशन की सफलता के बाद भारत ने एक और इतिहास रच दिया है। इसरो का आदित्य एल-1 सूर्य मिशन पर अपने अंतिम गंतव्य यानी लैग्रेंज प्वाइंट-1 (एल1) पर पहुंच गया है और अंतिम कक्षा में स्थापित हो जाएगा। यहां आदित्य 2 साल तक सूर्य का अध्ययन करेंगे और महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाएंगे। भारत में यह पहला सौर अध्ययन मिशन 2 सितंबर को इस्ट्रो द्वारा लॉन्च किया गया था और आज एक बार फिर इस्त्रो की रगों में एक और सम्मान भर गया है।
आखिर क्या है एल-1 प्वाइंट का महत्व?
एल-1 बिंदु के आसपास के क्षेत्र को हेलो कक्षा के रूप में जाना जाता है। जो सूर्य-पृथ्वी प्रणाली की पाँच स्थितियों में से एक है। यह वह स्थान है जहां गुरुत्वाकर्षण बल एक दूसरे को संतुलित करते हैं। पृथ्वी और सूर्य के बीच इन पांच स्थानों पर स्थिरता है। इसलिए यहां वस्तु सूर्य या पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से फंसी नहीं है।
यह एल-1 बिंदु से पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी केवल 1 प्रतिशत है। दोनों ग्रहों के बीच की कुल दूरी 14.96 करोड़ किलोमीटर है। अंतिम कक्षा तक पहुंचना बहुत चुनौतीपूर्ण है और इसरो पहली बार यह प्रयास कर रहा है।
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