सड़कों पर खाद-मिट्टी के ढेर, ट्रैक्टरों की कतारें, ‘इस’ देश के किसानों द्वारा सरकार की नाकेबंदी, दुनिया भर में आंदोलन की बातें.
1 min readबर्लिन में ब्रैंडेनबर्ग गेट के पास हजारों किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही किसानों ने यहां सड़कों पर हजारों ट्रैक्टर खड़े कर दिए हैं.
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर पंजाब और हरियाणा के किसानों के विरोध प्रदर्शन को दुनिया भर के कई देशों, नेताओं, अंतरराष्ट्रीय मीडिया और कलाकारों ने देखा। अब जर्मनी में भी किसानों का ऐसा ही आंदोलन चल रहा है. किसानों ने इस आंदोलन के जरिए जर्मन सरकार को दुविधा में डाल दिया है. जर्मनी में किसानों को मिलने वाली सब्सिडी में कटौती को लेकर किसान सड़कों पर उतर आए हैं. इसके साथ ही सरकार ने कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले डीजल पर दिया जाने वाला आंशिक रिफंड भी बंद कर दिया है. वाहन, ट्रैक्टर और ट्रक की खरीद पर टैक्स में छूट बंद कर दी गयी है. इसलिए जर्मनी में किसान इसके ख़िलाफ़ आक्रामक हो गए हैं.
जर्मन सरकार ने 13 दिसंबर, 2023 को घोषणा की कि सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी कम की जा रही है। साथ ही सरकार की ओर से डीजल खरीद के बाद दिया जाने वाला रिफंड, कृषि उपकरणों और वाहनों (ट्रक, ट्रैक्टर) की खरीद पर टैक्स में दी जाने वाली छूट बंद कर दी जाएगी. इसके बाद जर्मनी में किसान संगठनों ने सरकार को विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी. हालाँकि, सरकार पीछे नहीं हटी। नतीजा यह हुआ कि 18 दिसंबर 2023 से जर्मनी में किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और यह विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है.
विरोध प्रदर्शन को लेकर ताजा खबरों के मुताबिक, जर्मनी में किसानों ने म्यूनिख, बर्लिन समेत देश के प्रमुख शहरों में प्रमुख सड़कों और राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया है। सड़कों पर ट्रैक्टर, खाद व मिट्टी के ढेर लगाकर इन रास्तों को बंद कर दिया गया है। जर्मनी में किसानों की हड़ताल जारी है. इस आंदोलन के जरिए किसानों ने जर्मन सरकार की नाकेबंदी कर दी है.
बर्लिन में ब्रैंडेनबर्ग गेट के पास हजारों किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही किसानों ने यहां सड़कों पर हजारों ट्रैक्टर खड़े कर दिए हैं. हर ट्रैक्टर पर विरोध और किसानों की मांगों के पोस्टर लगे हुए हैं. इन किसानों का कहना है कि सरकार का यह फैसला देशभर के किसानों की कमर तोड़ देगा. जर्मनी के वेहलेफेंज़ शहर में कड़ाके की ठंड के बावजूद किसानों का धरना जारी है. म्यूनिख के पास टोफकिनचेन इलाके में भी किसानों ने सड़कों पर ट्रैक्टर खड़े कर दिए हैं. इसलिए इस इलाके की सड़कें बंद हैं.
जर्मनी में गठबंधन सरकार ने 13 दिसंबर 2023 को नए साल (2024) के लिए बजट पेश किया. बजट को तीन पार्टियों (जर्मन सोशल डेमोक्रेट्स, ग्रीन पार्टी और फ्री डेमोक्रेट पार्टी) की गठबंधन सरकार ने लंबी चर्चा के बाद मंजूरी दे दी। इस समय जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने घोषणा की कि किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी कम कर दी जाएगी. कुछ अन्य फैसलों की भी घोषणा की गई. स्कोल्ज़ ने कहा कि किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी में कटौती से सरकार के खजाने पर 8,000 करोड़ रुपये का बोझ कम होगा.
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